जय श्रीकृष्णा !
भूतेष्वन्तर्यामी ज्ञानमयः सच्चिदानन्दः।
प्रकृतेः परः परात्मा यदुकुलतिलकः स एवायम्।।
जो ज्ञानस्वरूप, सच्चिदानन्द, प्रकृति से परे परमात्मा सब भूतों में अन्तर्यामी रूप से स्थित है, यह यदुकूल भूषण श्रीकृष्ण वही तो हैं।
- प्रबोध सुधाकर (भगवान आद्यशंकराचार्य कृत)
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