8/13/2017

जिंदगी संघर्ष

जिंदगी बड़ी भिन्न—भिन्न होगी। इसलिए अक्सर बहुत सुविधा—संपन्न परिवारों में संकल्पवान आत्माओं के जन्म नहीं होते। जिनको बचपन से ही सब तरह की सुरक्षा मिली हो और संघर्ष का कोई मौका न मिला हो, चुनौती न मिली हो, वहां प्रतिभाएं पैदा नहीं होतीं। वहां लय वीणा में ही पड़ी रह जाती है; कोई छेड़ता ही नहीं। और धीरे—धीरे कोई छेड़ न दे, इससे भय हो जाता है।
      तूफानों को संवारने दो। आंधियों को व्यवस्था देने दो। संघर्ष ही तुम्हारे जीवन की शांति बने तो तुम्हारी शाति का मूल्य अनिर्वचनीय होगा।
      एक ऐसी शांति भी है, जो घर के कोने में बैठकर सम्हाली जा सकती है। वह शाति मुर्दा होगी, मरघट की होगी। उसमें जीवन न होगा; उसमें हृदय की धड़कन न होगी। जीवन की अराजकता तुम्हारे भीतर एक अनुशासन लाए। जीवन ही तुम्हें अनुशासन दे। कडुवे—मीठे अनुभव, सुख—दुख के अनुभव, धूप—ताप के अनुभव, अंधड़, आंधिया, तूफान तुम्हारी नाव को मजबूत करें। तुम घबड़ाकर किनारे की छांव मत ले लेना।

ओशो
एस धम्मो सनंतनो

Who m I

D.. Who am I?

B:. Jnana is 'I' and the nature of jnana is sat-chit-ananda.

From 'Who Am I?'