9/25/2020

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यहाँ कोई भी अपने जैसा नही होना चाहता, दूसरे जैसा होना चाहता है, अपने होने से कोई भी राज़ी नही है, स्वयं से कोई भी सन्तुष्ट नही है ,इसीलिए दुखी है।वही व्यक्ति सुखी हो सकता है, जो अपने आप से राज़ी है, जिसे दूसरो जैसा होने की कोई इच्छा न हो।

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