शरीर के तल पर सुख नहीं होता, सिर्फ कष्ट होते हैं या कष्ट का अभाव होता है।
मन के तल पर सुख होता है, कष्ट नहीं होता, या सुख का अभाव होता है, जिसे हम कष्ट समझते हैं।
आत्मा के तल पर होता है दुख और या होता है आनंद।
दुख गया कि फिर जो शेष रह जाता है वह आनंद है। उस आनंद की तलाश ही धर्म है।
उस परमात्मा नाम के भोजन की खोज, उस खोज का विज्ञान ही धर्म है।
ओशो
व्यस्त जीवन में ईश्वर की खोज
(प्रवचन-01)
0 comments:
Post a Comment