*_ध्यान करने से क्या फायदा होता है?_*
मेरे पास लोग आते हैं, निरंतर वे कहते हैं, कि आप ध्यान समझाते हैं, फायदा क्या, लाभ क्या, इससे क्या मिलेगा?
उनसे मैं कहता हूं, मिलेगा तो कुछ भी नहीं; बहुत कुछ खो जाएगा। तुम्हारी चिंता, तुम्हारी बेचैनी, तनाव, तुम्हारी दौड़, महत्वाकांक्षा, ईष्या , यह सब खो जाएगा और इसके साथ तुम्हारी सारी दुनिया का फैलाव। क्योंकि इसी पर तुम्हारा सारा तंबू तना है--इन्हीं खंभों पर। वह सब गिर जाएगा। मटिया मेट हो जाओगे, अगर ध्यान किया।
ध्यान करने के लिए जुआरी चाहिए, दुकानदार नहीं। वहां दांव पर लगा दिया सब; मांगना क्या है? और यह मैं तुमसे कहता हूं, जो नहीं मांगता, उसे मिलता है, जो मांगता है, वह चूक जाता है। यह उल्टा गणित है। यहां जो मांगेगा, वह खाली हाथ लौट जाएगा। यहां जो बिना मांगे आएगा, उसका प्राण-प्राण, रोआं-रोआं भर जाएगा।
_पिव पिव लागी प्यास_
_ओशो_
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