10/18/2020

ओशो

_*तुम अकेले नही हो! परमात्मा सदा तुम्हारे साथ साथ ही चल रहा!!*_

_अकेला कोई भी नहीं चल रहा है।_
_तुम्हारे साथ परमात्मा चल ही रहा है।_
_तुम्हारे भीतर ही बैठा है,__
_साथ चल रहा है यह कहना भी ठीक नहीं है।_
_अकेले तो तुम चल भी न सकोगे_
 _अकेले तो तुम्हारा होना भी नहीं है।_
_अकेले तो श्वास भी न ले सकोगे,_
_हृदय भी न धड़केगा।_
 _उसके सहारे धड़क रहा है_, 
_वही धड़का रहा है। वही धड़कन है।_
_वही श्वास ले रहा है, वही श्वास है।_
_नाम उसे कुछ भी दो।_
__परमात्मा दो, आत्मा दो,_
 _या जो चाहो कहना, कहो।_
 _लेकिन तुम्हारे भीतर मौजूद है._

     _*ओशो*_

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