10/22/2017

Osho meaning

********** ओशो शब्द का क्या अर्थ है **********
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ओशो ने अपने जीवनकाल के अंतिम क्षणों में यह शब्द अपने लिए, नाम के रूप में चुना |
यह शब्द अंग्रेजी के एक कवि William James की कविता ‘ओशनिक एक्सपेरिएंस ‘ से लिया गया है | ओशनिक एक्सपेरिंस यानि सागरीय अनुभव, समुन्द्र जैसे विराट होने का अनुभव | जब कोइ बूँद सागर में मिल जाती है तो वह स्वयं ही सागर स्वरुप हो जाती है, अलग नहीं बचती | ऐसे ही जब हमारी जीवात्मा परमात्मा के साथ, विराट ब्रह्म के साथ लौ-लीन होकर एक हो जाती है | तब आत्मा नहीं बचती है बस परमात्मा ही बचता है | बूँद सामप्त, केवल सागर शेष | ऐसा ओशनिक एक्सपेरिएंस, सागरीय अनुभव जिसे हुआ उसे’ ओशो कहते हैं | ओशो ने एक नया शब्द गड़ा अपने लिए | यह इस बात का प्रतिक है की ‘ओशो’ किसी पुरानी परंपरा, किसी रूढ़ि के हिस्से नहीं है | वे एक नई परंपरा की शुरुआत है | इस नए शब्द के संग एक नई परंपरा शुरू होती है |
कबीर साहब के शब्दों में इस बात को समझें तो आसानी होगी | आपने सुना होगा कबीर साहब का यह प्रीतिकर वचन –
हेरत हेरत हे सखी, रम्हा कबीर हिराय |
बूँद सामान्य समुन्द में, सो कत हेरी जाय ||
वे कहते हैं, खोजते-खोजते कबीर स्वयं खो गया | जैसे बूँद सागर में गिरी अब कहाँ बूँद मिलेगी ? कौन बूँद, कहाँ की बूँद ! सागर ही बचा बूँद खो गई | बूँद सामान्य समुन्द में सो कत हेरी जाय | अब कहाँ बूँद को खोजे ? उसकी कोई identity नहीं बची | तो ‘ओशो’ शब्द का अर्थ है, ऐसा व्यक्ति जो विराट ब्रह्म के साथ एकाकार हो गया | उपनिषद में एक अति-महत्वपूर्ण वाक्य है की ब्रह्म को जानने वाला स्वयं ब्रह्म हो जाता है ...

10/17/2017

सुफी गीत

#sufi #spirituality

अगर है शौक मिलने का, तो हरदम लौ लगाता जा,
जलाकर ख़ुदनुमाई को, भसम तन पर लगाता जा।

पकड़कर इश्क की झाड़ू, सफा कर हिज्र-ए-दिल को,
दुई की धूल को लेकर, मुसल्ले पर उड़ाता जा।

मुसल्ला छोड़, तसवी तोड़, किताबें डाल पानी में,
पकड़ तू दस्त फरिश्तों का, गुलाम उनका कहाता जा।

न मर भूखा, न रख रोज़ा, न जा मस्जिद, न कर सज्दा,
वजू का  तोड़  दे  कूजा, शराबे  शौक  पीता  जा।

हमेशा खा, हमेशा पी, न गफलत से रहो एकदम
नशे में सैर कर अपनी, ख़ुदी को तू जलाता जा।

न हो मुल्ला, न हो बह्मन, दुई की छोड़कर पूजा,
हुकुम शाहे कलंदर का, अनल हक तू कहाता जा।

कहे ‘मंसूर‘ मस्ताना, ये मैंने दिल में पहचाना,
वही मस्तों का मयख़ाना, उसी के बीच आता जा।

https://youtu.be/Wt0E8dDhtIQ

10/08/2017

Awareness during sleep

AWARENESS DURING SLEEP

Q: How can sadhana become uninterrupted since it is necessary to sleep?

Anandamayi Ma: When one becomes established in ceaseless practice it continues also during sleep.

Question: How can one know this?

Ma: If one meditates before retiring and wakes up in the same kind of state with which one fell asleep one can presume that it has gone on throughout the sleep.

Question: But during sleep, one does not know.

Ma: No, not in this case. Although there is a much higher state when one is conscious even in sleep.

- Death Must Die, p. 521